मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने वर्ष 1985 में लोकसभा में संबोधित करते हुए कहा था कि भारत की आध्यात्मिक विरासत की रक्षा करना समाज और विशेष रूप से सरकार का कार्य है। उन्होंने कहा था कि वास्तविक आध्यात्मिक संस्थाओं और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्तियों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में हमारी सरकार ने मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों की बेहतरी के लिए नीतियों को नये सिरे से निर्धारित किया एवं पुजारियों के मानदेय को तीन गुना कर दिया। सरकार द्वारा माँ नर्मदा, माँ क्षिप्रा, माँ मंदाकिनी एवं माँ ताप्ती जैसी जीवन-दायिनी पवित्र नदियों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए नदी-न्यास का गठन किया गया है। इसके साथ ही मंदिर एवं मठों की व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिए मठ-मंदिर सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है। विभिन्न मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए भी राशि प्रदान की गई है। साथ ही तीर्थ-दर्शन के लिए तीन विशेष ट्रेन चलायी गई हैं।
आध्यात्म विभाग का गठन और मंदिरों, मठों, तीर्थ-स्थलों का उन्नयन - पी सी शर्मा