मध्यप्रदेश की जन - जातियाँ
विशेष पिछड़ी जन जातियां और उनके क्षेत्र: "दि शेड्यूल्ड परियाज एंड ट्राइब्स कमीशन" ने जनजातियों को चार वर्गों से बांटा है। इनमें से सबसे अविकसित जनजातियों के रहवासी क्षेत्रों को "शेड्यूल्ड एरिया" या "अनुसूचित क्षेत्र" घोषित कर दिया गया है। मध्यप्रदेश में सात विशेषʔपिछड़ी जनजातियां हैं। इनका रहन-सहन, खान-पान, आर्थिक स्थिति, शिक्षा का प्रतिशत जनजातियों के प्रादेशिक औसत से कम है। इस कारण भारत सरकार ने इन्हें "विशेष पिछड़ी जनजातियों" के वर्ग में रखा है । इस पुस्तक में इनका वर्णन निम्नालिखित क्रम दिया जा रहा हैं।
उपर्युक्त सातों जनजातियों अपने विशिष्ट क्षेत्रों में ही "विशेष पिछड़ी जातियों के रूप में मान्य हैं।" इन जनजातियों का रहवासी क्षेत्र "अनुसूचित क्षेत्र है, जिसके विकास की विशिष्ट योजनाएं हैं। |